हर्षद मेहता – शेयर बाजार का जादूगर या भारत का सबसे बड़ा घोटालेबाज़?
Title:Harshad Mehta Scam Full Story in Hindi – 1992 का सबसे बड़ा स्टॉक मार्केट घोटाला
📜 Meta Description:
जानिए हर्षद मेहता की पूरी कहानी, कैसे उसने 1992 में भारतीय स्टॉक मार्केट को हिला दिया, कौन-कौन से बैंक शामिल थे, और कैसे Scam 1992 वेब सीरीज ने फिर से लोगों का ध्यान खींचा
🧨हर्षद मेहता – शेयर बाजार का सबसे चतुर घोटालेबाज़?
“जब लोग बैंकिंग सिस्टम को भगवान मानते थे, एक इंसान ने उसे मनी मशीन बना दिया। यही था हर्षद मेहता – शेयर बाजार का जादूगर या चालाक धोखेबाज़?”
🧱 हर्षद मेहता का जीवन परिचय
पूरा नाम: हर्षद शांतिलाल मेहता
जन्म: 29 जुलाई 1954 – राजकोट, गुजरात
शिक्षा: एल.एन. कॉलेज, मुंबई – B.Com
करियर की शुरुआत: न्यू इंडिया एश्योरेंस कंपनी में सेल्समैन के रूप में
👉 1980 के दशक में स्टॉक मार्केट में ब्रोकर बना
👉 जल्दी ही अपने तेज़ दिमाग और बैंकिंग सिस्टम की समझ से नाम कमाया
👉 “बिग बुल” और “अमिताभ बच्चन ऑफ स्टॉक मार्केट” जैसे टाइटल मिलने लगे
🏦 हर्षद मेहता स्कैम 1992 – घोटाले की असली कहानी
🧾 स्कैम कैसे हुआ?
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हर्षद ने बैंकों के बीच सरकारी सिक्योरिटी के लेनदेन में फर्जी Bank Receipts (BRs) का इस्तेमाल किया
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बैंकों का पैसा लेकर उसे शेयर मार्केट में लगा दिया
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इस पैसे से शेयरों के दाम बढ़ाए → मार्केट में बुल रन बनाया
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खुद शेयर ऊंचे दाम पर बेचकर करोड़ों का मुनाफा कमाया
📊 किन शेयरों में हेराफेरी की गई?
कंपनी | दाम में वृद्धि |
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ACC Cement | ₹200 → ₹9000 (4500%!) |
Sterlite | दोगुने से ज्यादा |
Videocon | कई गुना बढ़ोतरी |
🧯 इस स्कैम के प्रभाव
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₹4000 करोड़ से ज़्यादा का नुकसान
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कई बैंक लगभग दिवालिया हो गए
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भारतीय शेयर मार्केट में भारी गिरावट
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आम निवेशक तबाह
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पूरे बैंकिंग सिस्टम पर से भरोसा उठ गया
⚖️ कानूनी कार्रवाई और हर्षद की गिरफ्तारी
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पहली गिरफ्तारी: नवंबर 1992
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CBI ने 72 से ज्यादा केस दर्ज किए
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आयकर विभाग ने करोड़ों रुपये का टैक्स चोरी साबित किया
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केस चलते रहे और 2001 में दिल का दौरा पड़ने से तिहाड़ जेल में मौत हो गई
🎬 Scam 1992 – कहानी का दूसरा चेहरा
2020 में Sony Liv पर आई वेब सीरीज़ “Scam 1992: The Harshad Mehta Story”
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प्रतीक गांधी ने शानदार अभिनय किया
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लोगों ने हर्षद को फिर से याद किया
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कुछ लोगों ने उसे “सिस्टम से लड़ने वाला हीरो” माना
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लेकिन असलियत में यह स्कैम करोड़ों की बर्बादी की कहानी है
🤔 हर्षद मेहता – हीरो या विलेन?
हर्षद मेहता एक ऐसा नाम है जिसे कोई शेयर बाजार का रॉबिनहुड कहता है तो कोई देश का सबसे बड़ा धोखेबाज़।
✅ उसकी वित्तीय समझ अद्भुत थी
❌ लेकिन उसने सिस्टम की कमज़ोरी का फायदा उठाया
💔 और लाखों लोगों का विश्वास तोड़ा
🔗 Interlinking (ShyamHistory.in के लिए)
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भारत में शेयर बाजार का इतिहास
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1991 की आर्थिक उदारीकरण नीति
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भारत के प्रसिद्ध घोटाले
📌 निष्कर्ष – हर्षद मेहता से क्या सीखें?
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किसी भी सिस्टम में खामी हो सकती है
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Ethics और Greed के बीच की रेखा बहुत पतली होती है
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जानकारी ताकत है — लेकिन उसका सही उपयोग ज़रूरी है
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अगर हम History से न सीखें, तो वही गलती दोहराई जाती है
अंसुनी कहानियाँ और अनकही बातें – Harshad Mehta Special
1. 🐂 “बिग बुल” नाम का असली मतलब
हर्षद मेहता को शेयर बाजार में “Big Bull” कहा गया क्योंकि वो ऐसे स्टॉक्स में निवेश करता था जिनका दाम वह खुद ही ऊपर चढ़ा देता था। लेकिन ये नाम सिर्फ इसलिए नहीं पड़ा।
कुछ लोग बताते हैं कि उसका चाल-ढाल, बॉडी लैंग्वेज और कॉन्फिडेंस भी ऐसा था जैसे वो स्टॉक मार्केट का सांड हो — जो सामने वाले को कुचल कर निकल जाता है।
2. 🧳 ₹1 करोड़ की सूटकेस लेकर प्रधानमंत्री आवास पहुंचा था!
1991-92 में हर्षद मेहता ने दावा किया था कि उसने तत्कालीन प्रधानमंत्री नरसिंह राव को ₹1 करोड़ की रिश्वत दी थी — और वो पैसे उसने खुद पीएम आवास ले जाकर सौंपे थे।
हालाँकि ये आरोप कभी साबित नहीं हुआ, लेकिन ये बात मीडिया में ज़ोर-शोर से उठी थी।
3. 🏙 उसका घर और ऑफिस 5-Star से कम नहीं था
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उसका ऑफिस “GrowMore Research and Asset Management” मुंबई में था, जो फाइव स्टार होटल जैसी सुविधाओं से लैस था।
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उसके घर में जकूज़ी, मिनी बार, और डांस फ्लोर भी था — उस समय ये सुविधाएं बड़े-बड़े उद्योगपतियों के पास भी नहीं होती थीं।
4. 🚗 हर दिन नई कार में चलने का शौक
हर्षद मेहता के पास एक से बढ़कर एक लग्जरी कारें थीं, जैसे:
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Lexus LS 400 (पहली बार भारत में लाना)
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Toyota Corolla
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Mercedes-Benz
👉 हर दिन वो एक अलग कार में शेयर बाजार आता था, जिससे उसका रुतबा बना रहे।
5. 🧠 उसकी IQ और बैंकिंग सिस्टम की समझ चौंकाने वाली थी
वो चार्ट्स, डेटाशीट्स, और बैंकिंग ऑपरेशन्स को इतनी तेजी से समझता था कि बड़े-बड़े बैंकर उससे प्रभावित रहते थे।
कई बैंक अधिकारी कहते थे कि “हमें खुद समझ नहीं आता था कि उसने हमारे सिस्टम से पैसा कैसे निकाल लिया।“
6. 📚 उसके पास फुलप्रूफ स्कैम का ब्लूप्रिंट था
CBI की रिपोर्ट में पाया गया कि हर्षद ने स्कैम को अंजाम देने से पहले करीब 1 साल तक उसका अभ्यास किया था।
वो रोज़ बैंकिंग नियम पढ़ता, loopholes खोजता और नोट्स बनाता — एक तरह से ये घोटाला पूर्व-नियोजित आर्थिक युद्ध था।
7. 📢 जेल से भी उसने अपनी बात जनता तक पहुंचाई
तिहाड़ जेल में रहते हुए उसने अपने वकील के जरिए कई “ओपन लेटर” मीडिया में भिजवाए — जिसमें उसने बताया कि कैसे पूरा सिस्टम ही भ्रष्ट है और वो अकेला बलि का बकरा बना दिया गया।
8. 📕 “Scam 1992” के असली लेखक से उसने दुश्मनी पाली थी
Scam 1992 वेब सीरीज जिस किताब पर आधारित है – The Scam: Who Won, Who Lost, Who Got Away – उसे सुचेता दलाल और देबाशिष बसु ने लिखा था।
हर्षद मेहता उन्हें शुरू में पत्रकार मानकर इंटरव्यू देता था, लेकिन जब उनकी रिपोर्टिंग से उसका स्कैम सामने आया, तो वह उन्हें ‘धोखेबाज़ पत्रकार’ कहने लगा।