शुभांशु शुक्ल
आपके मन में एक सवाल उठ रहा होगा कि ये कौन है सुधांशु शुक्ला , इनका क्या रिश्ता है वायुसेना से , अभी के समय में ये सुरखियो में ,, आइए जानते हैं स्टेप बाय स्टेप
भाग 1: प्रस्तावना
(दृश्य: अंतरिक्ष से पृथ्वी का दृश्य, ISRO के रॉकेट लॉन्च होते हुए, राकेश शर्मा की ऐतिहासिक तस्वीरें)
*कथन (वॉयसओवर):*
“1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने भारत का नाम अंतरिक्ष में गर्व से लहराया। उसके बाद 41 वर्षों तक भारतीय अंतरिक्ष यात्री का इंतजार रहा… और फिर 2025 में, एक नया इतिहास लिखा गया। ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ल ने वो सपना पूरा किया, जिसने भारत को एक बार फिर अंतरिक्ष महाशक्ति बनने का रास्ता दिखाया।”
भाग 2: शुभांशु शुक्ल का प्रारंभिक जीवन
लखनऊ की गलियाँ, सिटी मॉन्टेसरी स्कूल, NDA की परेड, कारगिल युद्ध के दृश्य)
*कथन:*
“लखनऊ की मिट्टी में पले-बढ़े शुभांशु शुक्ल का बचपन सपनों से भरा था। सिटी मॉन्टेसरी स्कूल की पढ़ाई के बाद उन्होंने NDA ज्वाइन किया। कारगिल युद्ध के दौरान भारतीय वायुसेना के शौर्य ने उनके मन में देश सेवा का जज्बा भर दिया। IISc से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद, उनका सफर वायुसेना की ओर बढ़ा।”
भाग 3: वायुसेना में सफर
सुखोई Su-30MKI और MiG-29 की उड़ान, शुभांशु की ट्रेनिंग वीडियो)
*कथन:*
“एक फाइटर पायलट के रूप में शुभांशु ने Su-30MKI और MiG-29 जैसे लड़ाकू विमानों में हजारों घंटे उड़ान भरी। उनकी बहादुरी और तकनीकी कौशल ने उन्हें टेस्ट पायलट बनने का मौका दिया। यहीं से उनका सफर अंतरिक्ष की ओर मुड़ा।”
भाग 4: अंतरिक्ष यात्री चयन और प्रशिक्षण
गगनयान मिशन की घोषणा, रूस के यूरी गगारिन सेंटर में प्रशिक्षण, ISRO के सिमुलेटर)
*कथन:*
“2019 में ISRO ने गगनयान मिशन की घोषणा की। शुभांशु शुक्ल उन चुनिंदा भारतीयों में थे, जिन्हें अंतरिक्ष यात्री बनने का मौका मिला। रूस के यूरी गगारिन कोस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर और बेंगलुरु में कठिन प्रशिक्षण के बाद, वे Axiom Mission 4 के लिए चुने गए।”
भाग 5: Axiom Mission 4 की तैयारी
SpaceX के फाल्कन-9 रॉकेट, क्रू ड्रैगन कैप्सूल, शुभांशु की टीम के साथ तैयारी)
*कथन:*
“Axiom Space और SpaceX के साथ मिलकर यह मिशन भारत और अमेरिका की साझेदारी का उदाहरण बना। शुभांशु इस मिशन में मिशन स्पेशलिस्ट के रूप में चुने गए, जहाँ उन्होंने माइक्रोग्रैविटी रिसर्च और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी पर काम किया।”
भाग 6: ऐतिहासिक लॉन्च और यात्रा
25 जून 2025 का लॉन्च, क्रू ड्रैगन “Grace” का उड़ान, अंतरिक्ष से पहला संदेश)
*कथन:*
“25 जून 2025… केनेडी स्पेस सेंटर से फाल्कन-9 रॉकेट ने उड़ान भरी। क्रू ड्रैगन ‘Grace’ में बैठे शुभांशु शुक्ल ने अंतरिक्ष से भारत को संदेश दिया— ‘यह भारत की नई उड़ान की शुरुआत है!'”
भाग 7: अंतरिक्ष में जीवन
ISS के अंदर का दृश्य, शुभांशु का भारतीय भोजन खाते हुए, प्रयोग करते हुए)
*कथन:*
“अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर शुभांशु ने भारतीय व्यंजनों का स्वाद लिया और वैज्ञानिक प्रयोग किए। उनका हर पल भारत के लिए नई उपलब्धि थी।”
भाग 8: भारत के लिए महत्व
भारत में जश्न, ISRO वैज्ञानिकों की खुशी, मीडिया कवरेज)
*कथन:*
“यह मिशन सिर्फ शुभांशु की जीत नहीं, बल्कि पूरे भारत की जीत थी। ISRO के गगनयान मिशन को इससे नई ऊर्जा मिली और दुनिया ने भारत की अंतरिक्ष क्षमता को सलाम किया।”
भाग 9: परिवार, समाज और प्रेरणा
शुभांशु की पत्नी कामना और बेटे का इंटरव्यू, लखनऊ में उत्सव)
*कथन:*
“उनकी पत्नी कामना और बेटे आदित्य के लिए यह गर्व का पल था। लखनऊ की गलियों में दीप जलाए गए और युवाओं ने शुभांशु को अपना आदर्श बनाया।”
भाग 10: निष्कर्ष और भविष्य की झलक
चंद्रयान और गगनयान के भविष्य के मिशन, युवा वैज्ञानिकों की टीम)
*कथन:*
“शुभांशु शुक्ल ने साबित किया कि भारत का भविष्य अंतरिक्ष में है। अब गगनयान मिशन और चंद्रमा पर मानवयुक्त उड़ान की तैयारी है। यह सफर अभी शुरुआत है… और शुभांशु जैसे युवा इसका नेतृत्व करेंगे।”
(अंतिम दृश्य: तिरंगा अंतरिक्ष में लहराते हुए, शुभांशु की मुस्कान… फेड आउट.)
*THE END.
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