बिहार का इतिहास: प्राचीन काल से 18वीं शताब्दी तक
1. प्रस्तावना
बिहार भारत के सबसे ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध राज्यों में से एक है। इसका इतिहास प्राचीन काल से लेकर मध्यकाल तक भारतीय सभ्यता के विकास का प्रमुख केंद्र रहा है। यहाँ मगध साम्राज्य, मौर्य वंश, गुप्त साम्राज्य, पाल वंश, मुगल शासन और अंग्रेजों के आगमन तक की गाथाएँ समाहित हैं। इस लेख में हम बिहार के इतिहास को विस्तार से प्रस्तुत करेंगे।
2. प्राचीन काल में बिहार
2.1. मगध साम्राज्य (लगभग 600 ईसा पूर्व – 300 ईसा पूर्व)
- बिहार का इतिहास मगध साम्राज्य से शुरू होता है, जो 16 महाजनपदों में सबसे शक्तिशाली था।
- प्रमुख राजधानियाँ:
- राजगृह (वर्तमान राजगीर) – बिम्बिसार और अजातशत्रु की राजधानी।
- पाटलिपुत्र (वर्तमान पटना) – चंद्रगुप्त मौर्य ने इसे मौर्य साम्राज्य की राजधानी बनाया।
- प्रमुख शासक:
- बिम्बिसार (543-492 ईसा पूर्व) – मगध का संस्थापक, गौतम बुद्ध का समकालीन।
- अजातशत्रु (492-460 ईसा पूर्व) – उसने वैशाली के लिच्छवियों को हराया।
- महापद्मनंद (लगभग 345-321 ईसा पूर्व) – नंद वंश का संस्थापक, जिसने एक विशाल सेना बनाई।
2.2. मौर्य साम्राज्य (322-185 ईसा पूर्व)
- चंद्रगुप्त मौर्य (322-298 ईसा पूर्व) ने सेल्यूकस निकेटर को हराकर पश्चिमी भारत पर अधिकार किया।
- अशोक (268-232 ईसा पूर्व):
- कलिंग युद्ध (261 ईसा पूर्व) के बाद बौद्ध धर्म अपनाया।
- पाटलिपुत्र में तीसरी बौद्ध संगीति आयोजित की।
- शिलालेख और स्तंभ बनवाए (जैसे सारनाथ का सिंहस्तंभ)।
2.3. गुप्त साम्राज्य (320-550 ईस्वी)
- चंद्रगुप्त प्रथम (320-335 ईस्वी) ने गुप्त साम्राज्य की नींव रखी।
- समुद्रगुप्त (335-375 ईस्वी):
- “भारत का नेपोलियन” कहा जाता है।
- प्रयाग प्रशस्ति में उसकी विजयों का वर्णन है।
- स्कंदगुप्त (455-467 ईस्वी):
- हूणों के आक्रमण को रोका, लेकिन गुप्त साम्राज्य का पतन शुरू हुआ।
3. मध्यकालीन बिहार (8वीं-16वीं शताब्दी)
3.1. पाल वंश (750-1161 ईस्वी)
- गोपाल (750-770 ईस्वी) ने पाल वंश की स्थापना की।
- धर्मपाल (770-810 ईस्वी):
- विक्रमशिला विश्वविद्यालय की स्थापना की।
- तिब्बती यात्री तारानाथ ने पाल शासकों की प्रशंसा की।
- देवपाल (810-850 ईस्वी):
- बंगाल और उत्तर भारत तक साम्राज्य का विस्तार किया।
3.2. सेन वंश और मुस्लिम आक्रमण (11वीं-12वीं शताब्दी)
- बख्तियार खिलजी (1200 ईस्वी) ने नालंदा विश्वविद्यालय को नष्ट किया।
- बिहार नाम की उत्पत्ति:
- मुस्लिम शासकों ने बौद्ध विहारों को देखकर इस क्षेत्र को “बिहार” नाम दिया।
3.3. शेरशाह सूरी (1540-1545 ईस्वी)
- सासाराम (बिहार) से शासन किया।
- प्रमुख योगदान:
- ग्रैंड ट्रंक रोड (GT Road) का निर्माण।
- रुपया सिक्के की शुरुआत।
- न्यायिक और प्रशासनिक सुधार।
4. मुगलकाल में बिहार (16वीं-18वीं शताब्दी)
4.1. अकबर का शासन (1556-1605)
- बिहार को “सूबा-ए-बिहार” नाम दिया गया।
- पटना को प्रमुख व्यापारिक केंद्र बनाया गया।
4.2. औरंगजेब का शासन (1658-1707)
- बिहार में अफगान विद्रोह:
- पठान सरदारों ने मुगलों के खिलाफ संघर्ष किया।
- धार्मिक संघर्ष:
- हिंदू और मुस्लिम समुदायों के बीच तनाव बढ़ा।
4.3. बिहार की अर्थव्यवस्था
- कृषि: चावल, गन्ना और नील का उत्पादन।
- व्यापार: पटना और मुंगेर व्यापारिक केंद्र थे।
5. 18वीं शताब्दी: मुगल पतन और अंग्रेजों का आगमन
- बक्सर का युद्ध (1764):
- मीर कासिम, शुजाउद्दौला और शाह आलम II vs ईस्ट इंडिया कंपनी।
- अंग्रेजों ने बिहार पर नियंत्रण स्थापित किया।
- 1857 की क्रांति:
- कुंवर सिंह (जगदीशपुर, बिहार) ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह किया।
6. निष्कर्ष
बिहार का इतिहास शक्ति, ज्ञान और संघर्ष की गाथा है। यहाँ मौर्य, गुप्त, पाल, मुगल और ब्रिटिश शासकों ने राज किया। आज भी नालंदा, राजगीर, पटना और सासाराम जैसे स्थल इसकी गौरवशाली विरासत के प्रतीक हैं।
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