प्रागैतिहासिक काल के प्रमुख चरण

प्रागैतिहासिक काल के प्रमुख चरण

प्रागैतिहासिक काल के प्रमुख चरण मानव इतिहास के विकास की उस लंबी यात्रा को दर्शाते हैं जिसमें मनुष्य ने धीरे-धीरे शिकार और खाद्य संग्रह से लेकर कृषि, औजार निर्माण और समाज निर्माण तक की ओर कदम बढ़ाया। इसे मुख्यतः तीन प्रमुख चरणों में बाँटा जाता है:


🪨 1. पाषाण युग (Stone Age)

यह सबसे लंबा और प्रारंभिक युग है जब मनुष्य पत्थर के औजारों का उपयोग करता था। यह तीन भागों में विभाजित है:

🧍‍♂️ (क) पुरापाषाण युग (Old Stone Age / पेलियोलिथिक काल)

📅 लगभग 2.5 लाख वर्ष पूर्व – 10,000 ई.पू.

  • मनुष्य शिकारी और खाद्य संग्राहक था।
  • पत्थर के कच्चे और भारी औजारों का प्रयोग।
  • गुफाओं में निवास, आग की खोज।
  • भीमबेटका जैसे गुफाचित्र स्थल।
  • समूहों में जीवन, कोई कृषि नहीं।

🌿 (ख) मध्यपाषाण युग (Mesolithic Age / मध्य पत्थर युग)

📅 10,000 ई.पू. – 8,000 ई.पू.

  • सूक्ष्म औजारों (microliths) का विकास।
  • पशुपालन की शुरुआत, मछली पकड़ना।
  • कुछ जगहों पर प्रारंभिक खेती के संकेत।
  • कुत्तों को पालतू बनाना।
  • जीवन धीरे-धीरे स्थायी हो रहा था।

🌾 (ग) नवपाषाण युग (Neolithic Age / नव पत्थर युग)

📅 8000 ई.पू. – 4000 ई.पू.

  • कृषि का आरंभ (गेहूं, जौ की खेती)।
  • जानवरों को पालतू बनाना (गाय, बकरी आदि)।
  • मिट्टी के घरों में स्थायी निवास।
  • काष्ठ और पत्थर के औजारों में सुधार।
  • बर्तन बनाना, बुनाई की शुरुआत।

⚱️ 2. ताम्रपाषाण युग (Chalcolithic Age)

📅 4000 ई.पू. – 1500 ई.पू.

  • तांबे और पत्थर के औजार एक साथ उपयोग।
  • कृषि, पशुपालन और व्यापार का विस्तार।
  • मिट्टी के रंगीन बर्तन (Black and Red Ware)।
  • गाँवों का निर्माण और सामाजिक संगठन।
  • स्थल: इनामगांव (महाराष्ट्र), अहार (राजस्थान), चिरांद (बिहार)

🔚 निष्कर्ष:

चरणकालप्रमुख विशेषताएँ
पुरापाषाण2.5 लाख–10,000 ई.पू.शिकार, गुफा निवास, आग
मध्यपाषाण10,000–8,000 ई.पू.सूक्ष्म औजार, कुत्तों का पालतूकरण
नवपाषाण8,000–4,000 ई.पू.कृषि, पशुपालन, बर्तन
ताम्रपाषाण4,000–1,500 ई.पू.तांबे के औजार, गाँव, व्यापार

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