परिचय
नवपाषाण युग, जिसे Neolithic Age कहा जाता है, मानव इतिहास का वह युग है जब इंसान ने स्थायी जीवनशैली अपनानी शुरू की। इस युग में कृषि की शुरुआत हुई, पशुपालन का विकास हुआ, स्थायी गांव बसाए गए और मिट्टी के बर्तन, कपड़ा बुनाई, समाज की संरचना और धार्मिक विश्वासों का विकास हुआ। यह युग मानव सभ्यता के विकास की दिशा में क्रांतिकारी परिवर्तन का प्रतीक है।
कालावधि
भारत में नवपाषाण युग की समयावधि लगभग 7000 ई.पू. से 1000 ई.पू. के बीच मानी जाती है। यह काल क्षेत्र विशेष के अनुसार अलग-अलग समय पर आरंभ और समाप्त होता है। दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में यह युग अलग समय में शुरू हुआ।
मुख्य विशेषताएँ
– कृषि की शुरुआत (गेहूं, जौ, चावल की खेती)
– पशुपालन (गाय, बकरी, भेड़, सूअर आदि)
– मिट्टी के बर्तनों का निर्माण
– वस्त्र निर्माण और कताई-बुनाई की शुरुआत
– पत्थर के पॉलिश किए हुए औजारों का उपयोग
– स्थायी गाँवों की स्थापना और सामाजिक संरचना का विकास
भारत के प्रमुख नवपाषाण स्थल
1. मेहरगढ़ (बलूचिस्तान – अब पाकिस्तान में): सबसे प्राचीन नवपाषाण स्थल, कृषि और पशुपालन के प्रमाण
2. बुर्ज़होम (कश्मीर): गड्ढों वाले मकान, हड्डी के औजार
3. चिरांद (बिहार): कृषि, मिट्टी के बर्तन, पशुपालन के प्रमाण
4. मास्की, पिकलीहल, तेकेकल (कर्नाटक): गाय, बैल, बकरी के पालतू प्रमाण
5. आदिचनल्लूर (तमिलनाडु): सामाजिक व्यवस्था के संकेत
विश्व के प्रमुख नवपाषाण स्थल
– जेरिको (इज़राइल): सबसे प्राचीन शहरों में से एक
– काटाल हुयूक (तुर्की): सामाजिक जीवन और कला का विकास
– स्टोनहेंज (ब्रिटेन): नवपाषाण युग की रहस्यमयी संरचना
सामाजिक और धार्मिक जीवन
नवपाषाण युग में परिवार और समाज की परिकल्पना उभरी। लोग अब स्थायी गांवों में रहने लगे और कृषि कार्यों के लिए मिल-जुलकर काम करते थे। धार्मिक विश्वासों की शुरुआत हुई — धरती माता, सूर्य, वर्षा आदि की पूजा होती थी। मृतकों को कब्रों में वस्तुओं के साथ दफनाया जाता था।
तकनीकी और सांस्कृतिक विकास
मिट्टी के बर्तन, कपड़ा बुनाई, अनाज भंडारण के लिए कोठार, पत्थर के पॉलिश किए औजार, कृषि उपकरण, मकान बनाने की कला और बुनियादी स्थापत्य इस युग के प्रमुख नवाचार थे।
कला और अभिव्यक्ति
चित्रकला, मूर्तिकला और मिट्टी की आकृतियाँ इस युग में देखने को मिलती हैं। काटाल हुयूक जैसे स्थलों पर घरों की दीवारों पर चित्र मिले हैं।
अन्य युगों से तुलना
पुरापाषाण युग: शिकारी जीवन, गुफाओं में निवास, भारी औजार
मध्यपाषाण युग: सूक्ष्म औजार, कुत्तों का पालतूकरण, मछली पकड़ना
नवपाषाण युग: कृषि, पशुपालन, स्थायी निवास, बर्तन और सामाजिक व्यवस्था
निष्कर्ष
नवपाषाण युग मानव इतिहास में क्रांति का काल था। इस युग में जीवनशैली में बड़ा बदलाव आया, जिसने आधुनिक समाज की नींव रखी। खेती, पालतू जानवर, घर, गाँव, बर्तन, धर्म – यह सब इसी युग की देन हैं।